महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
।।शिव चालीसा।। आनंद की अनुभूति दिलाने वाले भगवान भोलेनाथ का शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से अपने सारे दुखों को भूला कर शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे,
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
जय जय तुलसी भगवती more info सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥